Monday, 7 September 2020

माँ !




बहुत दूर है वो मुझसे, फिर भी 
कभी-कभी मिलने चला जाता हूँ मैं,
मगर ख्यालो मे,
क्यूँकि बहुत दूर है ना वो मुझसे | 

अक्सर आँख बंद कर,
उसकी गोद में सर रखकर सो जाता हूँ मैं,
मगर ख्वाबो मे,
क्यूँकि बहुत दूर है ना वो मुझसे | 

वो एहसास जो उस डिब्बे मे बंद है,
जो उसने मुझे दिया था घर से जाते वक़्त,
कभी-कभी उसे खोल लिया करता हूँ मैं,
कभी डर लगता है तो,
उसका नाम बोल लिया करता हूँ मैं | 

कभी दिल घबराये,
और कुछ समझ न आये,
तो उसका माथा चूम लिया करता हूँ मैं,
मगर तस्वीरो मे,
क्यूँकि बहुत दूर है ना वो मुझसे | 

सच मे माँ,
तुझे बहुत याद किया करता हूँ,
क्यूँकि बहुत दूर है ना तू मुझसे | 

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P.S:- लेकिन उसका एहसास और स्पर्श हमेशा मेरे साथ है,
        और यही मेरी ताकत है | 



 

2 comments:

  1. Beautiful Expression! In love with this...��

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    1. This expression of love is really close to my heart too. Keep loving 💙

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