चलो अपना अपना एक आसमां चुनते है,
एक आसमां तुम्हारा होगा,
और एक आसमां मेरा,
तुम्हारे आसमां और मेरे आसमां
में कोई ज्यादा फर्क नहीं है
वह एक जैसे ही है,
सिवाय इसके की
इन आसमानों का विभाजन हो चुका है,
अब इन्हें असहमिय पीड़ा के साथ
हमे इन्हें खुद में बांटना होगा,
हम हर आसमां नही चुन सकते
उन्हें एक भी नही समझ सकते,
ये आज़ादी हर किसी से छीन ली गई है,
तुम थोड़ा थोड़ा हर कुछ होकर
अजीबो-गरीब लगोगे सबको,
तुम्हे एक होना होगा,
पूरा एक,
थोड़ा थोड़ा सब नही,
और वो भी "एक" आसमां के नीचे,
फिर चाहे आसमानों के विभाजन में
विभाजित हो जाए हम सब भी।
एक आसमां तुम्हारा होगा,
और एक आसमां मेरा,
तुम्हारे आसमां और मेरे आसमां
में कोई ज्यादा फर्क नहीं है
वह एक जैसे ही है,
सिवाय इसके की
इन आसमानों का विभाजन हो चुका है,
अब इन्हें असहमिय पीड़ा के साथ
हमे इन्हें खुद में बांटना होगा,
हम हर आसमां नही चुन सकते
उन्हें एक भी नही समझ सकते,
ये आज़ादी हर किसी से छीन ली गई है,
तुम थोड़ा थोड़ा हर कुछ होकर
अजीबो-गरीब लगोगे सबको,
तुम्हे एक होना होगा,
पूरा एक,
थोड़ा थोड़ा सब नही,
और वो भी "एक" आसमां के नीचे,
फिर चाहे आसमानों के विभाजन में
विभाजित हो जाए हम सब भी।

